गर्मियों में फ्रिज का नहीं घड़े का पानी पीना चाइये , जानिये क्या है इसके कारण


गर्मियां आ चुकी हैं और सभी को अब ठंडे पानी की याद आने लगी है .जब भी प्यास लगती है सबको फ्रीज के पानी की याद आती है लेकिन हम आपको बता दे फ्रिज का यह पानी सेहत को नुकसान पहुंचाने का काम कर सकता हैं. वही घड़े का पानी सेहत के लिए अमृत कारगर साबित होता है हम आपको बताने वाले है घड़े का पानी ही क्यों पीना चाइये और क्या है इसके फायदे , अंत तक पढ़िए।

घड़े का पानी पीने के फायदे

मटके का तापमान घर के सामान्य तापमान से थोड़ा कम होता है. इस वजह से घड़ा नैचर के तरीक़े से पानी को ठंडा रखता है. मिट्टी में ऐसे कई तत्व होते हैं जो रोगों से लड़ने की क्षमता पैदा करते हैं. इतना ही नहीं इसमें पाए जाने वाले मिनरल्स शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करते हैं आयुर्वेद में भी मिट्टी के बर्तनो का इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है

आपको बता दे ,मटके का पानी पीने से पेट में बनने वाली गैस की समस्या में भी आराम मिलता है , विज्ञान की भाषा में मिट्टी की प्रकृति अल्कलाइन होती है, जो कि पेट में अत्यधिक बनने वाले एसिड को बैलेंस करती है. जो लोग मटके का पानी पीते हैं, उनके शरीर का पीएच लेवल नॉर्मल रहता है और एसिडिटी या पेट संबंधित समस्याएं कम होती हैं.

घड़े का पानी होता है शुद्ध


विशेषज्ञो का मानना है घड़े (मटके) की मिट्टी पानी को शुद्ध बनाने में मदद करती है. क्योंकि, जब पानी को मटके में चार घंटे से ज्यादा रखा जाता है, तो यह उसकी अशुद्धियों को सोखकर पानी को साफ बनाती है.मटके का पानी पीने से प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा मिलता है. वहीं प्लास्टिक के बर्तनों में पानी रखने और पीने से पानी अशुद्ध हो जाता है.

मिट्टी के बर्तनों में पानी रखने से पानी के विटामिन और मिनरल्स शरीर के ग्लूकोज लेवल को बनाए रखते हैं. जिससे शरीर को ठंडक भी मिलती है.

घड़ा खरीदते वक्त ध्यान रखें


घड़े का पानी ठंडा रहे,ध्यान रहे पकी हुई मिट्टी का घड़ा लें जिस से घड़े का पानी ठंडा रहे . कच्ची मिट्टी से बने घड़े में पानी ठंडा नहीं रहता है. इसलिए जब भी मटका खरीदने जाएं तो एक बार उसे चेक कर लें कि क्या वह पक्की मिट्टी का है या नहीं. इसके लिए आप चाहें तो हाथों से बजा कर चेक कर सकते हैं.

घड़े का पानी ज्यादा ठंडा कैसे करे

जब भी आप पहली बार बाजार से घड़ा लेकर आएं तो सबसे पहले ठंडे पानी में भिगो दें, लेकिन यह ध्यान रखें कि मटके के अंदर हाथ डाल कर उसे बिल्कुल ना धोएं.

घड़े का पानी ठंडा रहे इसके लिए आप सूती कपड़ा लपेट कर रख सकते है . घड़े को लपेटने के लिए सूती कपड़े की लेंथ अच्छी होनी चाहिए क्योंकि इसे आपको दो बार लपेटना है. वहीं सूती कपड़ा अधिक मोटा नहीं होना चाहिए. हालांकि, ज्यादा गर्मी में कपड़ा तुरंत सूख जाता है , ऐसे में उसे बार-बार गीला कर घड़े से लपेट दें. ऐसा करने से पानी ठंडा रहेगा. इसके अलावा घड़ा खिड़की के सामने रखें, जहां से हवा आती हो.

इसके आलावा आप घड़े को रखते समय उसके नीचे सकोरे में मिट्टी भरकर रख सकते हैं. सकोरा एक मिट्टी का बर्तन होता है, और सकोरे में रखी मिट्टी को समय-समय पर गिला करते रहे. ऐसा करने से आपके घड़े का पानी बिल्कुल ठंडा रहेगा.

घड़े के पानी से जुड़े कुछ सवाल


Q. गर्मियों में घड़े का पानी ठंडा क्यों होता है?

वायुमंडल में जलवाष्प की प्रक्रिया तो हम सबने स्कूल में पढ़ा है,गर्मियों में वाष्पन की प्रक्रिया बढ़ जाती है । घड़े की दी्वारो मे छोटे छोटे छेद होते हैं जिनसे पानी धीरे-धीरे रिसता रहता है जिस से घड़े की दीवारे ठंडी हो जाती है जिससे घड़े का पानी ठंडा हो जाता है।


Q. पानी का घड़ा कौन सी दिशा में रखना चाहिए?

वास्तुशास्त्र के अनुसार उत्तर पूर्व दिशा में पानी का घड़ा रखना शुभ माना जाता है, ऐसे घर में शांति और सुख बढ़ता है।


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