भरतपुर में भड़की आरक्षण की आग , हुआ इंटरनेट बंद


राजस्थान : भरतपुर में एक बार फिर से आरक्षण को लेकर बवाल मच गया है. इस बार सैनी समाज ने 12 फीसदी आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन शुरू कर दिया है. और शुक्रवार को हाइवे पर चक्का जाम किया.

क्या है पूरा मामला

भरतपुर में रह रहे माली, सैनी, कुशवाह, मौर्य समाज के लोगों ने 12 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर अरोदा और बेरी गांव के बीच हाईवे को बंद कर दिया था,आंदोलनकारियों का आरोप है कि उन्हें वर्षों से उपेक्षित किया गया है. इसके चलते उन्हें सरकार और सार्वजनिक क्षेत्रों में पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं मिला है. हमे इस आरक्षण के मुद्दे पर सरकार का प्रतिनिधि मंडल आंदोलन स्थल पर आकर बातचीत करें. हम बातचीत करने के लिए तैयार हैं. प्रशासन हमारी मांग को मुख्यमंत्री के पास पहुंचाये.

सूत्रों से खबर पता चली है कि एसपी ऑफिस की पुलिस अपराध शाखा ने अपने शाखा में तैनात सैनी समाज के ही क्लर्क राधेश्याम सांखला को आंदोलनकारियों के पास भेजा गया था ।जिस से वो बढ़के ना और बातचीत करके मामले को सुलझाया जा सके और उनसे उनकी मांगे जानी जा सके ।

प्रशासन हुआ परेशान

मंगलवार रात को आईजी कार्यालय में आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक मुरारीलाल सैनी ने 10 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल के साथ संभागीय आयुक्त और आईजी सहित जिला कलेक्टर तथा पुलिस अधीक्षक के साथ लंबे दौर की वार्ता की. देर रात तक वार्ता चली लेकिन वह बेनतीजा रही. और बुधवार को दिन में आंदोलनकारियों के प्रतिनिधि मंडल की प्रशासन से वार्ता हुई लेकिन हर बार की तरह वे बेनतीजा रही. इस आंदोलन की आग अब भरतपुर से निकलकर आसपास के जिलों में भी फैलने लगी है. इससे वहां आंदोलनकारियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है.

आरक्षण आंदोलन को देखते हुये प्रशासन ने यहां रास्ता डाईवर्ट कर रखा है वहाँ से डायवर्जन कर वाहनों को निकाला जा रहा है. , भरतपुर में आगरा-जयपुर नेशनल हाईवे-21 शुक्रवार शाम 7.30 बजे से जाम है.

भरतपुर में हुआ इंटरनेट बंद


आंदोलन की गति बढ़ती देख संभागीय आयुक्त सांवरमल वर्मा ने शुक्रवार रात 12 बजे से शनिवार रात 12 बजे तक 24 घंटे के लिए इंटरनेट बंद करने के आदेश जारी कर दिए।. बताया जा रहा है कि नदबई, वैर और भुसावर तहसील में इंटरनेट बंद कर दिया गया है.


आरक्षण की मांग को लेकर 21 अप्रैल को आंदोलन की चेतावनी दी गई थी. इसे देखते हुए हाइवे पर पुलिस बल को तैनात किया गया था. भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस बल ने आंसू गैस के गोले भी छोड़े हालांकि फिर भी आंदोलनकारी हाइवे पर जमे रहे. प्रदर्शनकारियों को लाठी-डंडा हाथ में लिए देखा गया.पुलिस ने भरतपुर और करौली में 26 लोगों को हिरासत में भी लिया है. हालांकि आरक्षण संघर्ष समिति के सह-संयोजक वासुदेव प्रसाद कुशवाहा ने आरोप लगाया कि आंदोलन की तैयारी के समय ही आंदोलनकारियों को गिरफ्तार कर लिया गया.

प्रतिनिधि मंडल ने दिया बड़ा स्टेटमेंट

आंदोलनकारियों ने दिया बड़ा स्टेटमेंट , आंदोलन के प्रतिनिधि मंडल का कहना है कि हम नहीं चाहते कि लोगों को किसी भी प्रकार की कोई परेशानी हो. इसीलिए आपातकालीन वाहनों को रास्ता दिया जा रहा है. एम्बुलेंस के आने पर बैरिकेड को हटाकर निकाला जा रहा है. किसी भी तरह की अराजकता आंदोलन में नहीं की जा रही है. लोग गांधीवादी तरीके से आंदोलन कर रहे हैं. आगे उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने जल्द उनसे वार्ता नहीं की तो परिणाम खुद ही सामने आ जाएंगे. पूरे राजस्थान में जाम के हालात होंगे और लोगों को इस परेशानी का सामना करना पड़ेगा.


ग्रामीण ही कर रहे थे विरोध इस आंदोलन का विरोध

जब आंदोलन का फैसला किया गया तो गांव के लोगों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया. विरोध करते हुए पुलिस अधीक्षक श्याम सिंह से मुलाकात की. ग्रामीणों का कहना था कि अगर आंदोलन किया गया तो उनके गांव के लोगों को गिरफ्तार न किया जाए , उन्होंने कहा कि इस आंदोलन से सभी ग्रामीण सहमत नहीं हैं और आरक्षण संघर्ष समिति जबरदस्ती कर रही है. उन्होंने आंदोलन के कारण होने वाली समस्या से भी पुलिस को अवगत कराया था.

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